नीतीश कुमार की कहानी: ‘सुशासन बाबू’ के बारे में सब कुछ जानें

बिहार विधानसभा चुनाव 2025: बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजे आने ही वाले हैं, ऐसे में सभी की निगाहें जेडीयू सुप्रीमो और राज्य के सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहे नीतीश कुमार पर टिकी हैं। कुमार मतदाताओं को आकर्षित करने के लिए अपने पिछले रिकॉर्ड और हाल ही में शुरू की गई बुनियादी ढाँचा और शहरी विकास परियोजनाओं के साथ-साथ कल्याणकारी योजनाओं का हवाला दे रहे हैं।

नीतीश कुमार की पृष्ठभूमि: प्रारंभिक जीवन और शैक्षिक योग्यताएँ

  • 1 मार्च, 1951 को बिहार के बख्तियारपुर में जन्मे नीतीश कुमार कविराज राम लखन सिंह और परमेश्वरी देवी के पुत्र हैं।
  • कुमार ने शिक्षिका मंजू कुमारी सिन्हा से विवाह किया और उनका एक पुत्र निशांत है। मंजू कुमारी का 2007 में निधन हो गया।
  • एनडीटीवी की एक रिपोर्ट के अनुसार, जेडीयू सुप्रीमो ने 1972 में बिहार कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग (अब एनआईटी पटना) से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में डिग्री हासिल की।

नीतीश कुमार के राजनीतिक जीवन की एक झलक

  • 1970 का दशक: जयप्रकाश नारायण के नेतृत्व में जेपी आंदोलन के दौरान राजनीति में प्रवेश किया।
  • 1977: जनता पार्टी के साथ अपना पहला विधानसभा चुनाव लड़ा, लेकिन हार गए।
  • 1985: अपना पहला विधानसभा चुनाव जीता।
  • 1989: नौवीं लोकसभा के लिए चुने गए और केंद्रीय कृषि मंत्री रहे। 1991 में वे फिर से चुने गए।
  • 1994: राजद सुप्रीमो लालू यादव के साथ मतभेदों के बाद, कुमार ने जनता दल से इस्तीफा दे दिया और जॉर्ज फर्नांडीस के साथ समता पार्टी की स्थापना की।
  • 1998-2004: केंद्र में एनडीए सरकार के तहत प्रमुख विभागों का कार्यभार संभाला, जिनमें रेलवे (1998-1999, 2001-2004), भूतल परिवहन (1998-1999) और कृषि (1999-2000) शामिल हैं।
  • 1999: गैसल ट्रेन दुर्घटना के बाद रेल मंत्री के पद से इस्तीफा दिया।
  • 2000: पहली बार बिहार के मुख्यमंत्री बने, लेकिन बहुमत न होने के कारण एक सप्ताह के भीतर ही इस्तीफा दे दिया।
  • 2003: समता पार्टी का जनता दल (यूनाइटेड) में विलय हो गया।
  • 2005: जेडीयू-बीजेपी गठबंधन ने आरजेडी को हराया और कुमार अपने पहले पूर्ण कार्यकाल के लिए मुख्यमंत्री बने।
  • 2010: भारी जीत के साथ पुनः निर्वाचित हुए, और जेडीयू-बीजेपी गठबंधन ने आरजेडी को 22 सीटों तक सीमित कर दिया।
  • 2013: नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री पद के लिए नामांकन के बाद बीजेपी के साथ गठबंधन समाप्त कर दिया।
  • 2015: समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, राजद और कांग्रेस के साथ महागठबंधन बनाया और 2015 के राज्य चुनावों में जीत हासिल की।
  • 2017: तेजस्वी यादव पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों के बाद राजद से नाता तोड़ लिया; एनडीए में फिर से शामिल हुए और मुख्यमंत्री बने।
  • 2020: एनडीए को एक और जीत दिलाई और मुख्यमंत्री पद बरकरार रखा।
  • 2022: कुमार ने इस्तीफा दे दिया, एनडीए छोड़ दिया और महागठबंधन में शामिल होकर एक नई गठबंधन सरकार बनाई।
  • 2024: महागठबंधन से इस्तीफा दे दिया, एनडीए में फिर से शामिल हुए और नौवीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली।

राजनीतिक गठबंधनों में कुमार के लगातार बदलावों पर कड़ी नज़र रखी जाती है, फिर भी कई लोग उन्हें बिहार की राजनीति के लगातार बदलते परिदृश्य में जीवित रहने की गहरी समझ रखने का श्रेय देते हैं।

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