भारत को मध्यम आय के जाल से बचने और उससे बाहर निकलने के लिए सावधानीपूर्वक काम करने की आवश्यकता
नई दिल्ली, नीति आयोग द्वारा तैयार किए गए एक दस्तावेज के अनुसार विनिर्माण और रसद में क्षमताओं को उन्नत करना तथा ग्रामीण और शहरी आय के बीच अंतर को पाटना कुछ संरचनात्मक चुनौतियां हैं, जिनका भारत को समाधान करने की जरूरत है।
‘विजन फॉर विकसित भारत @ 2047: एक दृष्टिकोण पत्र’ शीर्षक वाले दस्तावेज में आयोग ने कहा कि भारत को मध्यम आय के जाल से बचने और इससे बाहर निकलने की दिशा में सावधानीपूर्वक काम करने की जरूरत है।
इस दस्तावेज पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में नीति आयोग की नौवीं गवर्निंग काउंसिल की बैठक के दौरान चर्चा की गई।
इसमें कहा गया कि देश को ऊर्जा, सुरक्षा, पहुंच, सामर्थ्य और स्थिरता के बीच संतुलन हासिल करने की जरूरत है।
दस्तावेज में कहा गया कि देश के कृषि कार्यबल को औद्योगिक कार्यबल में बदलने और भारत को वैश्विक विनिर्माण और सेवा केंद्र बनाने के लिए उद्योग की प्रतिस्पर्धात्मकता में सुधार करना भी उतना ही जरूरी है।
यह देखते हुए कि भारत के लिए एक विजन कुछ व्यक्तियों या एक सरकार का काम नहीं हो सकता, दस्तावेज में कहा गया कि यह पूरे देश के सामूहिक प्रयासों का परिणाम होना चाहिए।
दस्तावेज के अनुसार, भारत अपने इतिहास में एक महत्वपूर्ण मोड़ पर है और 21वीं सदी भारत की सदी हो सकती है, क्योंकि देश अपनी क्षमताओं के प्रति आश्वस्त होकर भविष्य की ओर बढ़ रहा है।