हिंदी वर्णमाला (Hindi Varnamala) में स्वर और व्यंजन क्या होते है ?
वर्णों को व्यवस्थित करने के समूह को वर्णमाला कहते हैं। हिन्दी में उच्चारण के आधार पर 52 वर्ण होते हैं। इनमें 11 स्वर और 41 व्यंजन होते हैं।
हिंदी वर्णमाला के 52 अक्षर कौन कौन से होते हैं?
स्वर: अ, आ, इ, ई, उ, ऊ, ऋ, ए, ऐ, ओ, औ
व्यंजन:- अनुस्वार- अं विसर्ग: अ:
क, ख, ग, घ, ङ (क़, ख़, ग़)
च, छ, ज, झ, ञ (ज़, झ़)
ट, ठ, ड, ढ, ण (ड़, ढ़)
त, थ, द, ध, न
प, फ, ब, भ, म (फ़)
य, र, ल, व
श, ष, स, ह
संयुक्त व्यंजन- क्ष, त्र, ज्ञ, श्र
हिंदी स्वर किसे कहते हैं?
स्वर वर्ण। पहले स्वर हैं, जो एक अपवाद के साथ, जोड़े में आते हैं: अ इ ई उ ऊ ए ऐ ओ औ अं अः संस्कृत लिप्यंतरण (आईएएसटी) के अंतर्राष्ट्रीय वर्णमाला का उपयोग करके, इन स्वरों को इस प्रकार दर्शाया जाएगा: ए ए आई ī यू ई ऐ ओ औ.
ड़ और ढ़ कौन से वर्ण हैं?
ड़ और ढ़ वर्ण अरबी-फारसी भाषा के प्रभाव से आए हैं। · ड और ढ का उच्चारण मुख में जिस स्थान से होता है वह मूर्धा कहलाता है। इस स्थान से उच्चरित होने के कारण इन्हें मूर्धन्य कहा जाता है। · ड़ और ढ़ को ‘उक्षिप्त’ वर्ण कहा जाता है।
अ से ज्ञ तक कितने अक्षर होते है?
हिंदी वर्णमाला में कुल 52 वर्ण शामिल होते हैं। इनमें से वर्णो में 11 स्वर, 4 संयुक्त व्यंजन, 4 अन्तस्थ व्यंजन, 1 अनुस्वार, 4 ऊष्म व्यंजन, 25 स्पर्श व्यंजन, 2 द्विगुण व्यंजन और 1 विसर्ग शामिल हैं। उच्च कक्षाओं की व्याकरण की किताब में वर्णमाला के 52 अक्षर होते हैं।
स्वर किसे कहते हैं इसके कितने भेद हैं?
स्वर (vowel) उन ध्वनियों को कहते हैं जो बिना किसी अन्य वर्णों की सहायता के उच्चारित किये जाते हैं। स्वतंत्र रूप से बोले जाने वाले वर्ण,स्वर कहलाते हैं। हिन्दी भाषा में मूल रूप से ग्यारह स्वर होते हैं। ग्यारह स्वर के वर्ण : अ,आ,इ,ई,उ,ऊ,ऋ,ए,ऐ,ओ,औ आदि।
हिंदी में स्वर के भेद हैं हिंदी भाषा में स्वर के 3 प्रकार होते हैं – हृस्व स्वर (एक मात्रिक) , दीर्घ स्वर (द्विमात्रिक) और प्लुत स्वर (त्रिमात्रिक).