श्रेणी: जीवन शैली

बसंत पंचमी का पौराणिक महत्व, पूजा का शुभ मुहूर्त और विधि

हिंदू पंचांग के अनुसार माघ माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि के दिन बसंत पंचमी का त्यौहार मनाया जाता है। इस साल यह त्यौहार 5 फ़रवरी के दिन पड़ रहा है। इस दिन से ऋतुराज बसंत की शुरुआत हो जाती है। बसंत पंचमी के दिन माता सरस्वती की पूजा-अर्चना की जाती है। हिंदू पंचांग

घूमती धरती व अनन्त ब्रह्माण्ड का अक्स है शिवलिंग

ईशान संहिता के अनुसार फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी की महानिशा यानी आधी रात के वक्त भगवान शिव लिंग रूप में प्रकट हुए थे। वातावरण सहित घूमती धरती या सारे अनन्त ब्रह्माण्ड का अक्स ही लिंग है। इसलिए इसका आदि और अंत भी साधारण जनों की क्या बिसात, देवताओं के लिए भी अज्ञात, अनन्त या नेति-नेति है।

जानिए अमावस्या के दिन ये आठ सावधानियां क्यों बरतें?

माघ अमावस्या- 31 जनवरी 2022 सोमवार को सोमवती और 1 फरवरी 2022 मंगलवार को मौनी अमावस्या है। पूर्णिमा के दिन चंद्र पूर्ण होता है और अमावस्या के दिन चंद्र लुप्त रहता है। शुक्ल पक्ष के 15वें दिन पूर्णिमा और कृष्ण पक्ष के 15वें दिन अमावस्या होती है। माघ अमावस्या- 31 जनवरी 2022 सोमवार को सोमवती

यहां बताया गया है कि कैसे मशरूम अल्जाइमर रोग को प्रबंधित करने में मदद कर सकते हैं?

अल्जाइमर रोग एक मानसिक स्वास्थ्य समस्या है जो 60 के दशक के मध्य में शुरू होती है जिससे याददाश्त और सोचने की क्षमता में गिरावट आती है। यह डिमेंशिया के 60 से 70% मामलों के लिए जिम्मेदार है। अल्जाइमर रोग की शुरुआत के साथ जीवन समय के साथ सोचने, तर्क करने, याद रखने और व्यवहार

ये है दुनिया का इकलौता शिवालय जहां होती है शिव के पैर के अंगूठे की पूजा

माउंट आबू (mount abu) में अचलगढ़ दुनिया की इकलौती ऐसी जगह है, जहां भगवान शिव (Bhagwan Shiv) के अंगूठे की पूजा होती है। मंदिर में भगवान शिव के अंगूठे के निशान देखे जा सकते हैं। माउंटआबू को अर्धकाशी (Ardhkashi) भी कहा गया है। माउंट आबू (mount abu) में अचलगढ़ दुनिया की इकलौती ऐसी जगह है,

हिंदू धर्मग्रंथों में 14 प्रकार के अवगुण वाले लोग इस संसार में मृत्यु के समान हैं

शास्त्रों के अनुसार इस धरती पर 14 प्रकार के दुर्गुण जिन लोगों में हैं उन्हें मृत व्यक्ति के समान माना गया है। लंका काण्ड में रावण-अंगद संवाद में अंगल द्वारा कहा गया है कि सिर्फ सांस लेने वालों को जीवित नहीं कहते – सांस तो एक जानवर भी लेता है। शास्त्रों के अनुसार इस धरती

सृष्टि के आरंभ में सूर्य की किरणें थी अत्यंत तीक्ष्ण, जिसे छांटकर सहने योग्य बनाया गया

अनमोल कुमार छंटे हुए तेज से विष्णु का सुदर्शन चक्र, अमोघ यमदंड, शंकर का त्रिशूल, काल का खड्ग, कार्तिकेय को शक्ति और दुर्गा के शूल बनाए गए आज के समय में ग्लोबल वार्मिंग (Global Warming) की गर्माहट भरी खबरों के बीच यह मानना कठिन हो सकता है कि सृष्टि के आरंभ में सूर्य की किरणें

शनि देव के न्याय के आगे क्यों झुकना पड़ा देवधिदेव भगवान शंकर को

अनमोल कुमार पौराणिक कथा के अनुसार एक समय शनि देव (Shanidev) भगवान शंकर (Bhagwan Shankar) के धाम हिमालय पहुंचे। उन्होंने अपने गुरुदेव भगवान शंकर को प्रणाम कर उनसे आग्रह किया-हे प्रभु! मैं कल आपकी राशि में आने वाला हूं अर्थात मेरी वक्र दृष्टि आप पर पड़ने वाली है। पौराणिक कथा के अनुसार एक समय शनि

केन्द्र का ऐतिहासिक कदम, ‘अमर जवान ज्योति’ का ‘राष्ट्रीय युद्ध स्मारक’ में विलय

नई दिल्लीः गणतंत्र दिवस से कुछ दिन पहले एक ऐतिहासिक कदम में, इंडिया गेट (India Gate) के लॉन में अमर जवान ज्योति (Amar Jawan Jyoti) की लौ को बुझाकर शुक्रवार को राष्ट्रीय युद्ध स्मारक (National War Memorial) में लौ में मिला दिया जाएगा। भारतीय सेना के एक अधिकारी ने एएनआई को बताया, “इंडिया गेट पर

कैसे गणेश जी ने भाई कार्तिकेय को हराया, सकट चौथ पर चंद्रमा को अर्घ्य देने से जुड़ी यह पौराणिक कथा

Sakat Chauth 2022: हिंदू कैलेंडर के अनुसार हर साल माघ मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को माताएं अपने बच्चों की लंबी आयु और सुखी जीवन के लिए संकष्टी चौथ का व्रत रखती हैं. इस तिथि को संकट चौथ, माघी चतुर्थी, संकष्टी चतुर्थी, तिल चौथ आदि के नाम से जाना जाता है। इस दिन