माउंट आबू (mount abu) में अचलगढ़ दुनिया की इकलौती ऐसी जगह है, जहां भगवान शिव (Bhagwan Shiv) के अंगूठे की पूजा होती है। मंदिर में भगवान शिव के अंगूठे के निशान देखे जा सकते हैं। माउंटआबू को अर्धकाशी (Ardhkashi) भी कहा गया है। माउंट आबू (mount abu) में अचलगढ़ दुनिया की इकलौती ऐसी जगह है,
शास्त्रों के अनुसार इस धरती पर 14 प्रकार के दुर्गुण जिन लोगों में हैं उन्हें मृत व्यक्ति के समान माना गया है। लंका काण्ड में रावण-अंगद संवाद में अंगल द्वारा कहा गया है कि सिर्फ सांस लेने वालों को जीवित नहीं कहते – सांस तो एक जानवर भी लेता है। शास्त्रों के अनुसार इस धरती
अनमोल कुमार छंटे हुए तेज से विष्णु का सुदर्शन चक्र, अमोघ यमदंड, शंकर का त्रिशूल, काल का खड्ग, कार्तिकेय को शक्ति और दुर्गा के शूल बनाए गए आज के समय में ग्लोबल वार्मिंग (Global Warming) की गर्माहट भरी खबरों के बीच यह मानना कठिन हो सकता है कि सृष्टि के आरंभ में सूर्य की किरणें
अनमोल कुमार पौराणिक कथा के अनुसार एक समय शनि देव (Shanidev) भगवान शंकर (Bhagwan Shankar) के धाम हिमालय पहुंचे। उन्होंने अपने गुरुदेव भगवान शंकर को प्रणाम कर उनसे आग्रह किया-हे प्रभु! मैं कल आपकी राशि में आने वाला हूं अर्थात मेरी वक्र दृष्टि आप पर पड़ने वाली है। पौराणिक कथा के अनुसार एक समय शनि
नई दिल्लीः गणतंत्र दिवस से कुछ दिन पहले एक ऐतिहासिक कदम में, इंडिया गेट (India Gate) के लॉन में अमर जवान ज्योति (Amar Jawan Jyoti) की लौ को बुझाकर शुक्रवार को राष्ट्रीय युद्ध स्मारक (National War Memorial) में लौ में मिला दिया जाएगा। भारतीय सेना के एक अधिकारी ने एएनआई को बताया, “इंडिया गेट पर
Sakat Chauth 2022: हिंदू कैलेंडर के अनुसार हर साल माघ मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को माताएं अपने बच्चों की लंबी आयु और सुखी जीवन के लिए संकष्टी चौथ का व्रत रखती हैं. इस तिथि को संकट चौथ, माघी चतुर्थी, संकष्टी चतुर्थी, तिल चौथ आदि के नाम से जाना जाता है। इस दिन
अनमोल कुमार “अश्वदायि गोदायी धनदायि महाधने । धनं मे जुषतां देवि सर्वकामांश्च देहि मे ।। पुत्रपौत्र धनं धान्यं हस्त्यश्र्वाश्र्वतरी रथम् । प्रजानां भवसि माता आयुष्मन्तं करोतु मे ।।” धन, ऐश्वर्य, वैभव, संपदा की देवी लक्ष्मी (Devi Laxmi) से केवल धन की नहीं घोड़े, गाय, सर्वकामना पुत्र पौत्र धन धान्य रथ सब के लिए कामना की
अनमोल कुमार शनिदेव (Shanidev) के कई प्रसिद्ध और प्राचीन मंदिर देश के अलग अलग हिस्से में मौजूद है। छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में एक ऐसा शनि मंदिर (Shani Mandir) हैं जहां शनि देव अपनी पत्नी के साथ विराजित है। एक तरफ जहां शनि मंदिर में महिलाओं का प्रवेश वर्जित है वहीं यह एक अनोखा मंदिर है। शनिदेव
पोंगल, जिसे थाई पोंगल के नाम से भी जाना जाता है, चार दिनों तक मनाया जाता है, तमिलनाडु के महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है। केवल तमिलनाडु में ही नहीं बल्कि पूरे भारत में इसे मकर संक्रांति या संक्रांति, उत्तरायण, लोरी के रूप में मनाया जाता है। पोंगल को सूर्य देव को धन्यवाद देने के
जब निराकार ब्रह्म शिव ने एक से अनेक होने की कामना से ही पंचतत्व और तत्त्व देवताओं को प्रकट किया, तब इस सृष्टि की रचना पंचतत्वों से हुई है। ब्रह्मांड में इन पांच तत्वों का संतुलन है। यदि यह संतुलन बिगड़ता है तो यह विनाशकारी हो सकता है। उदाहरण के लिए, यदि जल तत्व की