शनिदेव को शनि ग्रह के नाम से भी जाना जाता है। हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, वह सूर्य देव (सूर्य) और छाया (छाया) के पुत्र हैं, इसीलिए उन्हें छायापुत्र भी कहा जाता है। कुछ ज्योतिषी इस ग्रह को सभी नौ ग्रहों में सबसे आक्रामक और क्रूर मानते हैं। शनिदेव को न्याय के देवता के रूप
ज्येष्ठ की अमावस्या को भगवान शिव के फल से भगवान शनि देव (Shanidev) का जन्म हुआ था। सूर्य के तेज और तप के कारण शनिदेव का रंग काला पड़ गया। लेकिन मां की घोर तपस्या से शनि महाराज को अपार शक्तियां प्राप्त हो गईं। कहा जाता है कि एक बार भगवान सूर्यदेव अपनी पत्नी छाया
धार्मिक मान्यताओं में दण्ड के अधिकारी माने जाने वाले शनि देव के बारे में कहा जाता है कि जो भी शनि की तिरछी दृष्टि कर लेता है वह उसके प्रकोप से बच नहीं पाता है। स्वयं देवाधिदेव महादेव भी उनके प्रकोप से नहीं बच सके। आइए जानते हैं क्या है शनि देव और महादेव की