टैग: Hanuman ji

एकादशमुखी हनुमानजी के रहस्य और कवच

शंकर जी बोले-हे उमा, कालकारमुख नामक एक भयानक बलवान राक्षस हुआ। ग्यारह मुख वाले उस विकराल राक्षस ने बहुत काल तक ब्रम्हा जी की कठोर ताप किया। उसके ताप से प्रसन्न हो कर ब्रह्मा जी ने कालकार मुख राक्षस से कहा-हे तात, मुझसे वर मांगो। असुर बोला-हे कर्तार-आप मुझे ऐसा वर दीजिये-“मुझे कोई भी जीत

क्यों मिला था हनुमान जी को अपनी शक्तियां भूलने का श्राप?

हनुमान जी (Hanuman ji) के माता-पिता का नाम केसरी व अंजना था, जिन्होंने उन्हें बहुत यत्न के बाद प्राप्त किया था। हनुमान भगवान शिव के 11वें अंशावतार माने जाते हैं, जिन्होंने इस पृथ्वी पर भगवान विष्णु के सातवें पूर्ण अवतार श्रीराम की सहायता करने के उद्देश्य से जन्म लिया था। इसी कारण हनुमान जी के

यहां जानिए क्यों हनुमान जी को बाल ब्रह्मचारी कहा जाता है और कैसे बने बजरंगबली?

सभी जानते हैं कि हनुमान जी को बाल ब्रह्मचारी कहा जाता है, लेकिन हनुमान जी का विवाह हुआ था। उसके बाद भी उन्हें ब्रह्मचारी कहा जाता है, ऐसा क्यों? किंवदंती के अनुसार, हनुमान ने अपने गुरु सूर्य देव को प्रसन्न किया और उन्होंने सूर्य देव से 9 विद्याएं प्राप्त की थीं। सूर्य देव ने 9

संकटमोचन हनुमान का जन्म ऋषियों के वरदान से हुआ था! जानें कथा

चैत्र पूर्णिमा मंगलवार को नक्षत्र व मेष लग्न के योग मे जन्मे थे हनुमान जी। भगवान शिव के 11 वें रूप हैं हनुमान जी रामरामचरितमानस के रचयिता गोस्वामी तुलसी दास ने एक चौपाई में लिखा है कि मंत्र महामणि विषय ब्याल के। मेटत कठिन कुअंक भाल के।। अर्थात् विषय रूपी सांप का जहर उतारने के

शुरू हो चुकी है शनि की सीधी चाल, आने वाले दिनों में इन राशियों को मिल सकता है लाभ

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जिस प्रकार शनि के राशि परिवर्तन का प्रभाव पड़ता है, उसी प्रकार वक्री शनि के मार्ग में होने का प्रभाव भी सभी राशियों पर देखने को मिलता है। शनि मार्गी का अर्थ है शनि की सीधी गति। शनि ने 23 मई 2021 से अपनी वक्री गति शुरू की थी, जो 11