हिंदू हनुमान चालीसा को अत्यधिक सम्मान देते हैं, इसे एक अत्यंत महत्वपूर्ण और लगभग जादुई भजन मानते हैं। यह विश्वास ज्योतिष शास्त्र, सितारों के अध्ययन और हमारे जीवन पर उनके कथित प्रभाव से जुड़ा हुआ है। ज्योतिषीय दृष्टि से, जब शनि ग्रह चुनौती देता है, तो हनुमान चालीसा का पाठ एक उपाय माना जाता है।
हनुमान हिंदू धर्म में एक शक्तिशाली भगवान हैं। वह भक्ति, शक्ति और अटूट निष्ठा का प्रतीक है। भगवान राम के प्रति उनकी भक्ति और पर्वत से संजीवनी बूटी निकालने की उनकी शक्ति अद्वितीय है। अंजनी और केसरी (अंजनी पुत्र कहा जाता है) से जन्मे हनुमान जी अपने साहस और निस्वार्थता के लिए जाने जाते हैं।
हनुमान चालीसा में जिक्र है कि अगर आप बहुत अधिक संकट में हैं तो 8 मंगलवार हनुमान जी के दर्शन कर ले तो आपके सारे संकट दूर हो जाएंगे। जोधपुर के एक प्राचीन पंचमुखी हनुमान मंदिर हैं। इस मंदिर की विशालकाय प्रतिमा के बारे में कहा जाता है कि यह स्वयंभू हैं और पंचमुखी हनुमान
चैत्र पूर्णिमा मंगलवार को नक्षत्र व मेष लग्न के योग मे जन्मे थे हनुमान जी। भगवान शिव के 11 वें रूप हैं हनुमान जी रामरामचरितमानस के रचयिता गोस्वामी तुलसी दास ने एक चौपाई में लिखा है कि मंत्र महामणि विषय ब्याल के। मेटत कठिन कुअंक भाल के।। अर्थात् विषय रूपी सांप का जहर उतारने के
हर कोई पवनपुत्र हनुमान जी की पूजा करता है और हनुमान चालीसा का पाठ भी करता है, लेकिन बहुत कम लोगों को पता होगा कि यह कब लिखा गया, कहां और कैसे उत्पन्न हुआ। बात 1600 ई. की है, यह काल अकबर और तुलसीदास जी के समय का था। एक बार तुलसीदास जी मथुरा जा