एक बेहद तेज़ घटनाक्रम में यूके की COP प्रेसीडेंसी ने ग्लासगो क्लाइमेट समिट के लिए फैसलों का एक नया मसौदा जारी किया है। इस मसौदे की भाषा सशक्त है और इशारा करती है कि अंततः फैसलों की शक्ल कैसी हो सकती है। लेकिन इस मसौदे को ले कर विशेषज्ञों की कुछ चिंताएं हैं। इनमें चिंता
पीएम मोदी ने जोर देकर कहा कि यह उजागर करना अनिवार्य है कि जलवायु परिवर्तन कई विकासशील देशों के अस्तित्व को कैसे खतरे में डाल रहा है। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को COP26 शिखर सम्मेलन में एक शक्तिशाली भाषण दिया, जहां उन्होंने विकासशील देशों की दुर्दशा की ओर दुनिया का ध्यान आकर्षित किया,
अगले महीने ग्लासगो में आयोजित होने वाला COP26 और दिसंबर में इटली द्वारा आयोजित होने वाला G20 जलवायु परिवर्तन से संबंधित मुद्दों पर वास्तव में उपयोगी बातचीत के लिए मंच हैं, ग्लोबल वार्मिंग को 1.5 ° C से नीचे रखते हुए और जलवायु वित्तपोषण। इसे यादगार बनाने की जरूरत है। जब जलवायु परिवर्तन से निपटने