गीता अध्याय 2 श्लोक 2 मेंकहां गया है किसी भी व्यक्ति को अपने कर्तव्य का निर्वाह करना चाहिए या नहीं इसके लिए तीन बातें ध्यान में रखनी चाहिए। जिस कर्तव्य को हम निभाने जा रहे हैं क्या वह श्रेष्ठ अथवा आर्य पुरुषों द्वारा आचारित है तथा क्या यह लौकिक अथवा पारलौकिक दृष्टि से हमारे लिए