खजराना गणेश मंदिर की मूर्ति सिंदूर से ही बनाई गई है
इंदौर का खजराना गणेश मंदिर पूरी दुनिया में मशहूर है। इस मंदिर में मुख्य मूर्ति भगवान गणपति की है, जो केवल सिंदूर से बनी है। हालांकि, इस परिसर में भगवान गणेश के अलावा अन्य देवी-देवताओं के मंदिर हैं। देश के सबसे अमीर गणेश मंदिरों में खजराना गणेश मंदिर का नाम सबसे ऊपर है। यहां हर साल करोड़ों रुपये की पेशकश की जाती है, जिसमें विदेशी मुद्राएं और सोने-चांदी के आभूषण भी शामिल हैं। गणेश चतुर्थी के अवसर पर, भगवान गणेश को यहां तीन करोड़ के सोने के आभूषणों से सजाया जाता है।
गणेश जी के पीछे उल्टे स्वस्तिक का चमत्कार
खजराना मंदिर में लोग भगवान गणेश के मंदिर के पीछे की दीवार पर यानि गणेशजी की पीठ पर उल्टा स्वस्तिक चिन्ह बनाते हैं और मनोकामना पूरी होने के बाद फिर आकर सीधा स्वस्तिक बनाते हैं। कहा जाता है कि यहां यह सिलसिला कई सालों से चला आ रहा है। मान्यता है कि इस मंदिर में उल्टा स्वस्तिक बनाने से हर मनोकामना पूरी होती है। एक और मान्यता है कि मंदिर की तीन परिक्रमा करते हुए धागा बांधने से भी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
इंदौर के खजराना गणेश मंदिर का निर्माण 1735 में होल्कर वंश की महारानी अहिल्याबाई ने करवाया था। मान्यताओं के अनुसार, भक्त इस मंदिर के तीन चक्कर लगाते हैं और मंदिर की दीवार में एक धागा बांधते हैं।
इस मंदिर की प्राचीन मूर्ति के बारे में कहा जाता है कि इसे एक स्थानीय पंडित मंगल भट्ट ने सपने में देखा था। इस सपने के बारे में सुनकर रानी अहिल्याबाई होल्कर ने खुदाई की और मूर्ति को जमीन के नीचे से स्थापित करवाया। जहां से मूर्ति निकाली गई थी, वहां एक पानी की टंकी है जो मंदिर के ठीक सामने है।
परिसर में 33 छोटे और बड़े मंदिर
खजराना गणेश मंदिर परिसर में 33 छोटे-बड़े मंदिर हैं, जहां भगवान राम, शिव, मां दुर्गा, साईं बाबा, हनुमान जी सहित देवी-देवताओं के मंदिर हैं। मंदिर परिसर में एक प्राचीन पीपल का पेड़ भी है, जिसे मनोकामना पूर्ण करने वाला वृक्ष माना जाता है।
खजराना गणेश मंदिर में गणेश चतुर्थी के मौके पर 10 दिवसीय गणेशोत्सव की शुरुआत हो रही है। इन दिनों प्रतिदिन भजन संध्या, महा आरती, विभिन्न प्रकार के लड्डुओं का भोग और फूलों का श्रृंगार किया जाता है। यहां 51 हजार मोदक भक्तों में बांटे जाते हैं। कहा जाता है कि इस मंदिर में आने वाले हर भक्त की मनोकामना पूरी होती है।