शुरू हो चुकी है शनि की सीधी चाल, आने वाले दिनों में इन राशियों को मिल सकता है लाभ

The Margi Saturn has started from 11 Oct 2021, these zodiac signs can get benefits

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जिस प्रकार शनि के राशि परिवर्तन का प्रभाव पड़ता है, उसी प्रकार वक्री शनि के मार्ग में होने का प्रभाव भी सभी राशियों पर देखने को मिलता है।

शनि मार्गी का अर्थ है शनि की सीधी गति। शनि ने 23 मई 2021 से अपनी वक्री गति शुरू की थी, जो 11 अक्टूबर से अपनी सीधी दिशा में वापस आ गई है।

नवरात्रि के छठे दिन शनि ग्रह ने अपनी चाल बदल दी है। पूरे 141 दिनों के बाद 11 अक्टूबर को शनि मकर राशि में वक्री हो गए हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जिस प्रकार शनि के राशि परिवर्तन का प्रभाव पड़ता है, उसी प्रकार वक्री शनि के मार्ग में होने का प्रभाव भी सभी राशियों पर देखने को मिलता है। लेकिन शनि की इस चाल से शनि की साढ़े साती और शनि ढैया से पीड़ित राशि के जातक सबसे ज्यादा प्रभावित होते हैं।

शनि मार्गी क्या है? शनि मार्गी का अर्थ है शनि की सीधी गति। शनि ने 23 मई 2021 से अपनी वक्री गति शुरू की थी, जो 11 अक्टूबर से अपनी सीधी दिशा में वापस आ गई है। वैदिक ज्योतिष में शनि के मार्ग को एक महत्वपूर्ण घटना माना जाता है। जिन लोगों को शनि की वक्री स्थिति के दौरान परेशानी का सामना करना पड़ा था, उन्हें शनि के मार्ग में होने से कुछ राहत मिलेगी। शनि की सीधी चाल आमतौर पर शुभ फल देती है।

इन राशियों को मिलेगी राहत: आपको बता दें कि मिथुन और तुला राशि के लिए शनि ढैया चल रहा है। वहीं धनु, मकर और कुंभ राशि के जातकों के लिए शनि की साढ़े साती चल रही है। इन 5 राशियों के लोगों को शनि की इस चाल का शुभ प्रभाव देखने को मिलेगा। जीवन में तनाव कम होने की संभावना है। विशेष रूप से शनि की यह चाल धनु और मिथुन राशि के लोगों के लिए शुभ साबित होगी। धन लाभ के योग बनेंगे।

शनि ग्रह को मजबूत करने के उपाय:

शनिवार के दिन साबुत उड़द की दाल, तिल, लोहा, काले वस्त्र आदि का दान करें।

नीलम रत्न किसी विद्वान की सलाह से ही धारण करें।

शनिवार के दिन शनि मंदिर अवश्य जाएं और शनि देव की मूर्ति के सामने सरसों के तेल का दीपक जलाएं।

कहा जाता है कि भगवान हनुमान और शिव की पूजा करने से भी शनिदेव परेशान नहीं होते हैं।

शनिवार के दिन शनि चालीसा और हनुमान चालीसा का पाठ करें।

शनि राशि परिवर्तन कब है? 29 अप्रैल 2022 को शनि राशि परिवर्तन करेगा। इस दौरान शनि मकर राशि को छोड़कर कुंभ राशि में प्रवेश करेगा। शनि के राशि परिवर्तन होते ही धनु राशि वालों को शनि की साढ़े साती से मुक्ति मिल जाएगी। वहीं मिथुन और तुला राशि के लोग शनि ढैया से मुक्त होंगे।

इन उपायों से करें शनिदेव को प्रसन्न, हनुमान जी भी होंगे खुश

शनि देवता को न्याय का देवता कहा जाता है। ऐसी मान्यता है कि वह सभी के कर्मों का फल देते हैं। कोई भी बुरा काम उनसे छिपा नहीं रहता। शनिदेव हर एक बुरे काम का फल मनुष्य को ज़रूर देते हैं। जो गलती जानकर की गई या अंजाने में हुई, दोनों ही गलतियों पर शनिदेव अपनी नजर रखते हैं। इसीलिए उनकी पूजा का बहुत महत्त्व है।

कहते हैं कि अगर जीवन में शनिदेव और हनुमान जी का आशीर्वाद मिल जाए तो फिर हर समस्या का समाधान पाया जा सकता है। लेकिन इसके लिए आपको कुछ विशेष उपाय करने होंगे। आज हम आपको उन्हीं विशेष उपायों की जानकारी देंगे जिन्हें आपको शनिवार के दिन करना चाहिए।

शनिवार के उपाय
इस उपाय में आपको शनिवार के दिन पीपल के पेड़ को छूते हुए सात बार परिक्रमा करनी चाहिए। इसे केवल एक शनिवार नहीं बल्कि हर शनिवार करते रहें। साथ ही परिक्रमा के दौरान “ॐ शं शनैश्चराय नमः” का जप भी करें। कहते हैं ऐसा करने से शनि देव की साढ़ेसाती और ढैय्या या फिर शनि से जुड़ा कोई भी दोष समाप्त हो सकता है।

शनिवार की शाम को किसी तालाब या ऐसी जगह जहां पर मछलियां हो वहां पर दाना डालें। साथ ही चीटियों को भी आटा खिलाएं। कहते हैं इस उपाय से शनि देव के साथ साथ भगवान हनुमानजी भी प्रसन्न होते हैं। और किस्मत खुल जाती है। इससे फायदा ये होगा कि अगर आप पर कोई कर्ज है या नौकरी को लेकर कोई समस्या है तो वह जल्द ही वो दूर हो सकती है।

एक यह उपाय भी आपके लिए काफी फायदेमंद होगा। हालांकि यह काफी लोग करते भी हैं। इसमें आपको शनिवार के दिन शनि देव पर अवश्य रूप से जल चढ़ाना चाहिए। लेकिन इसके साथ साथ हनुमान जी की प्रतिमा के सामने तेल का दीपक भी जलाएं। सिर्फ यही नहीं इस दिन काली चीज़ों का दान करना भी काफी लाभकारी माना गया है। काले तिल, चने व काले कपड़े दान किए जा सकते हैं।

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