आईटीआर रिटर्न: सीबीडीटी ने आईटीआर सत्यापन की समय सीमा घटाई
नई दिल्ली: इनकम टैक्स रिटर्न वेरिफिकेशन से जुड़ा एक बदलाव किया गया है. केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने आईटीआर सत्यापन की समय सीमा कम कर दी है।
सीबीडीटी के मुताबिक अब 120 दिनों के बजाय आईटीआर वेरिफिकेशन के लिए 30 दिन ही मिलेंगे। सीबीडीटी ने अपने एक नोटिफिकेशन में यह जानकारी दी है। आईटीआर फाइल करने के बाद उसका वेरिफिकेशन जरूरी है। इसके बिना प्रक्रिया पूरी नहीं होती है।
सीबीडीटी अधिसूचना में कहा गया है कि आईटीआर दाखिल करने के 30 दिनों के भीतर सत्यापित किया जाना है। यदि इस अवधि के बाद कोई सत्यापन किया जाता है तो वह मान्य नहीं होगा। ऐसे में गैर-फाइलर्स की सूची में करदाता का नाम जुड़ जाएगा।
अधिसूचना में कहा गया है कि यदि आईटीआर डेटा के इलेक्ट्रॉनिक हस्तांतरण के 30 दिनों के भीतर आईटीआर सत्यापन जमा किया जाता है, तो डेटा हस्तांतरण की तारीख को रिटर्न दाखिल करने की तारीख माना जाएगा।
इसको लेकर विभाग ने स्पष्ट किया है कि 120 दिन की अवधि उन लोगों के लिए लागू होगी जिन्होंने इस अधिसूचना के आने से पहले रिटर्न दाखिल किया था. लेकिन ये नियम उन लोगों पर लागू होंगे जिन्होंने 29 जुलाई के बाद आईटीआर फाइल किया है।
आपको बता दें कि सीबीडीटी ने 29 जुलाई को यह नोटिफिकेशन जारी किया था। सीबीडीटी का यह नियम उन लोगों के लिए है जिन्होंने ई-वेरिफिकेशन किया है। अगर कोई समय पर आईटीआर वेरिफिकेशन नहीं कर पाता है तो यह माना जाएगा कि उसने आईटीआर फाइल नहीं किया।
इसके बाद करदाताओं को अपना डेटा दोबारा जमा करना होगा और 30 दिनों के भीतर इसका सत्यापन करवाना होगा। आप आईटीआर को नेट बैंकिंग, आधार ओटीपी, बैंक अकाउंट, एटीएम आदि के जरिए वेरिफाई कर सकते हैं। 31 जुलाई के बाद आईटीआर फाइल करने वालों को लेट फाइन देना होगा।
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