गाजियाबाद-पंडित दीन दयाल उपाध्याय खंड भारत का सबसे लंबा एबीएस रेल ट्रैक बना
भारतीय रेलवे का गाजियाबाद-पंडित दीन दयाल उपाध्याय खंड देश में सबसे लंबा पूर्ण स्वचालित ब्लॉक सिग्नलिंग (एबीएस) खंड बन गया है। 762 किलोमीटर लंबे मार्ग को पूरी तरह से स्वचालित कर दिया गया है। इसके कार्यान्वयन से, अधिक ट्रेन सेवाओं को चलाने के लिए लाइन क्षमता में वृद्धि करना संभव होगा। रेलवे मौजूदा उच्च घनत्व वाले ट्रेन मार्गों पर परियोजना को लागू करने की योजना बना रहा है।
रेलवे ने ट्रेन संचालन में डिजिटल और आधुनिक तकनीकों का लाभ उठाने और सुरक्षा बढ़ाने के लिए ‘इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग’ को अपनाया है।
भारतीय रेलवे ने मिशन मोड पर ‘ऑटोमैटिक ब्लॉक सिग्नलिंग’ शुरू की है। एबीएस एक लागत प्रभावी समाधान है।
31 दिसंबर, 2022 तक विभिन्न सेक्टरों में 3,706 रूट किलोमीटर पर एबीएस उपलब्ध कराया गया है।
वित्तीय वर्ष 2022-23 में एबीएस को 268 रूट किलोमीटर पर चालू कर दिया गया है। इस वित्तीय वर्ष के दौरान 347 रेलवे स्टेशनों पर इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग सिस्टम उपलब्ध कराए गए हैं। दिसंबर 2022 तक, 45.5 प्रतिशत रेलवे स्टेशनों यानी लगभग 2,888 स्टेशनों को इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग सिस्टम प्रदान किया गया है।
ऑटोमैटिक ब्लॉक सिग्नल (एबीएस) स्वचालित स्टॉप सिग्नल द्वारा ट्रेनों की आवाजाही को नियंत्रित करने में मदद करता है। ये सिगनल सिगनल सेक्शन के अंदर और बाहर ट्रेनों के गुजरने से स्वचालित रूप से संचालित होते हैं। यह प्रणाली बिना कोई अतिरिक्त स्टेशन बनाए लाइन क्षमता बढ़ाने में मदद करती है।
सरकार देश में रेलवे के बुनियादी ढांचे के आधुनिकीकरण के लिए रिकॉर्ड निवेश कर रही है। हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय रेल में सुधारों को देश के विकास से जोड़ा है।
इस संबंध में सरकार ने रेलवे को बजट आवंटन भी बढ़ा दिया है। वित्तीय वर्ष 2022-23 में अब तक का सर्वाधिक बजट 2,45,800 करोड़ रुपये आवंटित किया गया। 2020-21 में बजट में 1,55,181 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे जबकि 2014-19 के बीच रेलवे को करीब 99,178 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे।