भारत में मां प्रकृति किसी देवता से कम नहीं है। हम पेड़ों, पौधों, जानवरों और किसी भी जीवित जीव को अपने दिल के करीब रखते हैं और कई मौकों पर इन प्राकृतिक चमत्कारों के लिए बहुत सारे आध्यात्मिक और धार्मिक महत्व को जिम्मेदार ठहराया जाता है। जब औषधीय और चिकित्सीय मूल्यों वाले पेड़ों की बात
केरल सरकार के अनुसार, सभी 13 पुष्ट मामले वायनाड जिले के व्याथिरी के पास पुकोडे में एक पशु चिकित्सा कॉलेज के छात्र हैं। सरकार ने यह भी कहा कि संक्रमण दो सप्ताह पहले रिपोर्ट किया गया था, और अब नियंत्रण में लाया गया है। पशु चिकित्सा महाविद्यालय के अधिकारियों ने कहा कि संक्रमण सबसे पहले
एक बेहद तेज़ घटनाक्रम में यूके की COP प्रेसीडेंसी ने ग्लासगो क्लाइमेट समिट के लिए फैसलों का एक नया मसौदा जारी किया है। इस मसौदे की भाषा सशक्त है और इशारा करती है कि अंततः फैसलों की शक्ल कैसी हो सकती है। लेकिन इस मसौदे को ले कर विशेषज्ञों की कुछ चिंताएं हैं। इनमें चिंता
लोकपर्व पर्व पर भी रहेगा राजकीय अवकाश, सीएम धामी ने पहाड़ी में ट्वीट कर दी जानकारी 11 नवंबर, 2021: उत्तराखंड बड़ी खबर: छठ के बाद एगास (Choti दिवाली, बगवाल) पर भी राजकीय अवकाश रहेगा, मुख्यमंत्री धामी ने पहाड़ी भाषा में ट्वीट कर जानकारी दी. इस बार की सबसे बड़ी खबर राजधानी देहरादून से आ रही
An idol of Maa Annapurna, stolen from Varanasi about 100 years ago and retrieved from Canada recently, will be installed at Kashi Vishwanath Temple on 15th Nov. Govt of India will handover the idol to UP Govt, on 11th Nov at an event in Delhi. pic.twitter.com/QbuFXuMHHD — ANI UP (@ANINewsUP) November 10, 2021 ब्रिटिश राज
उत्तराखंड के मुख्य त्योहारों में से एक इगास मना रहा है, जो बगवाल (दीपावली) के 11 दिनों के बाद आता है। दरअसल, ज्योति पर्व दीपावली का पर्व आज चरम पर पहुंच गया है, इसलिए त्योहारों की इस श्रंखला का नाम इगास-बगवाल पड़ा। दीवाली की तरह ही यह त्योहार भी धूमधाम से मनाया जाता है, इसलिए
मौसम विज्ञानी जहां लगातार दूसरे साल एक और ला नीना के रूप में तीव्र सर्दी की उम्मीद कर रहे हैं, वहीं उत्तर भारत में आने वाले महीनों में भी गंभीर वायु प्रदूषण की आशंका है। अक्टूबर में, भले ही पराली जलाने की घटनाओं की कम संख्या और व्यापक बारिश और हिमपात ने प्रदूषण को नियंत्रण
कहा जाता है कि भगवान विष्णु ने यहां भगवान शिव और पार्वती के स्नान के लिए एक कुंड बनाया था, जिसे मणिकर्णिका कुंड के नाम से जाना जाता है। जब शिव और पार्वती इस कुंड में स्नान कर रहे थे, तब शिव का रत्न और माता पार्वती का कुंडल इस कुंड में गिर गया, तब
भारतीय संस्कृति के दो पहलू हैं- आध्यात्मिकता और पर्व त्यौहार। पर्व त्यौहार हमें एक दूसरे की परम्पराओं से जोड़े रहते हैं। आपसी प्रेम व् भाईचारे की भावना को सुदृढ़ करते हैं। त्यौहार हमारी गंगा यमुना तहजीब के प्रतीक हैं, हमारी संस्कृति के पोषक व रक्षक हैं। सूर्य षष्ठी व्रत छठ पूजा या डाला छठ पूजा
भाई दूज के दिन भाई-बहन के बंधन को मनाया जाता है और इसे भाई टीका भी कहा जाता है। आइए अब हम इस त्योहार के इतिहास, महत्व और अनुष्ठानों के बारे में जानें। अगर आप सोच रहे हैं कि भाई दूज क्या है तो हमने इस खूबसूरत त्योहार के बारे में कुछ तथ्य सूचीबद्ध किए