आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को शरद पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है। इस दिन चंद्रमा अपनी सभी कलाओं से परिपूर्ण होता है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन चंद्रमा की किरणें अमृत का उदघाटन करती हैं। इस दिन चांदनी सबसे तेज होती है। देवी-देवताओं का सबसे प्रिय फूल ब्रह्मकमल भी
आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को शरद पूर्णिमा कहते हैं। शरद पूर्णिमा को हरियाणा और कुछ अन्य क्षेत्रों में महारास पूर्णिमा के रूप में जाना जाता है, जबकि उत्तर मध्य भारत में इसे कोजागर पूर्णिमा के रूप में भी जाना जाता है। वैसे तो साल में बारह पूर्णिमा का अपना अलग शास्त्रीय और
आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को शरद पूर्णिमा कहते हैं। शरद पूर्णिमा को हरियाणा और कुछ अन्य क्षेत्रों में महारास पूर्णिमा के रूप में जाना जाता है, जबकि उत्तर मध्य भारत में इसे कोजागर पूर्णिमा के रूप में भी जाना जाता है। वैसे तो साल में बारह पूर्णिमा का अपना अलग शास्त्रीय और